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विज्ञान क्लास 10

खनिज पदार्थ किसे कहते है,वितरण एवं उनका संरक्षण

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खनिज पदार्थ

खनिज पदार्थ

धरातल के नीचे बहुत गहराई तक खोदकर बहुत से पदार्थ निकाले जाते हैं जिन्हें खनिज पदार्थ कहते हैं।  कहीं-कहीं यह पदार्थ भूमि के कटाव के कारण धरातल पर ही मिल जाते हैं। प्राकृतिक ने खनिज पदार्थों को पृथ्वी के गर्भ में बहुत नीचे काट किया है। अधिकतर खनिज पदार्थ पुरानी चट्टानों में ही पाए जाते हैं।  आधुनिक औद्योगिक उन्नति का आधार खनिज पदार्थ ही है।  कारखानों में लगी मशीनें पानी पर तैरते जहाज ऊंची इमारतें विभिन्न प्रकार के अस्त्र-शस्त्र सिक्के वह हमारे उपयोग में आने वाली धातु से बनी सभी वस्तुएं खनिज पदार्थों की देन है।

देश के औद्योगिक विकास का आधार विभिन्न प्रकार के खनिज पदार्थ ही है।  यदि मानव समाज के पास धातु एवं खनिज ना होते तो आज औद्योगिक उत्पादन व विकास बहुत कम होता । परिचय समय में जब मनुष्य धातुओं व शक्ति के साधनों से परिचित नहीं था।  वह पत्थर व अन्य कठोर वस्तुओं का उपयोग अपने लिए करता था।  पुराने समय में लोहा, कोयला की पहचान व उपयोग का ज्ञान नहीं था । आज मनुष्य को कई प्रकार के खनिजों का ज्ञान है हर देश में अपने औद्योगिक विकास के लिए खनिज पदार्थों का आयात कर रहा है।

खनिज पदार्थों को दो भागों में बांटा जा सकता है

धात्विक खनिज वह खनिज पदार्थ जिनमें धातु पर्याप्त मात्रा में मिलती है । लोहा मैग्नीज क्रोमाइट बेरिल आदि लौह धातुएं हैं। अलौह धातु में तांबा सोना चांदी शीशा टीन जस्ता बॉक्साइट आदि आते हैं।

अधात्विक खनिज ऐसे खनिज पदार्थ जिनमें धातु नहीं पाई जाती । जैसे हीरा अभ्रक कोयला,  जिप्सम चूने का पत्थर आदि भारत में खनिज संपदा का सुरक्षित भंडार है।  हमारे देश में सभी प्रकार के खनिज पदार्थ पाए जाते हैं।  छोटा नागपुर का पठार खनिज पदार्थों की दृष्टि से इतना अधिक धनी है कि उसे विश्व का खनिज आश्चर्य कहा जाता है।  भारत का लगभग 40% खनिज पदार्थ यही पाया जाता है भारत कुछ खनिज पदार्थों में आत्मनिर्भर है और कुछ खरीद से हैं।  जिन्हें देश की आवश्यकता की पूर्ति पश्चात निर्यात किया जाता है । खनिजों के उत्पादन में बिहार झारखंड का अंश 37% पश्चिम बंगाल का अंश 22% तथा मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ का अंश 16% है।

लोहा अयस्क आधुनिक औद्योगिक सभ्यता का आधार लोहा है । संसार के लोहा उत्पादक देशों में भारत का आठवां स्थान है।  परंतु उत्कृष्ट लोहे की प्राप्ति में भारत का स्थान दूसरा है।  लोहा चार प्रकार का होता है।  हेमेटाइट मैग्नेटाइट लिमो नाइट तथा साइड ए राइटमैग्नीज अयस्क मैगनीज का उपयोग अनेक वस्तुओं में होने के कारण इसे जैक आप ट्रेडर्स कहते हैं।

मैगनीज उत्पादन में भारत का विश्व में द्वितीय स्थान है । विश्व के कुल उत्पादन का 19% मैग्नीज यहां निकाला जाता है जिस धातु में मैगनीज़ व लोहा  दोनों अधिक मात्रा में मिश्रित रहते हैं । उसे मैग्नीज लौह अयस्क कहते हैं 5% से कम मैग्नीज के अंश होने पर लौह अयस्क  कहलाता है।

अधिकांश मैग्नीज का उपयोग लोहा एवं इस्पात उद्योग में होता है । इसके मिश्रण से इस्पात मजबूत हो जाता है मैगनीज का उपयोग शीशे को साफ करने रंगने सूखी बैटरी बनाने तथा प्लास्टिक ब्लीचिंग पाउडर वह भारत में मैग्नीज अयस्क की खदानों को 3 क्षेत्रों में बांटा जा सकता है।

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