इतिहास
खाप पंचायत किसे कहते है, इसके कार्य, घटनाएँ
खाप पंचायत
सामाजिक प्रसासन की व्यवस्था हेतु – एक संघ जो प्रायः एक पुत्र समूह होता है जिसका संबंध जात जाति से होता है जिसके अंतर्गत कई गाँव शामिल होते है । ये गाँव वाले एक ही गोत्र के होते है उन्हीं के नाम से ये खाँप जाना जाता है । परंतु इस गाँव में रहने वालें दूसरे गोत्र तथा जाति के लोग भी इसमें शामिल होते है ।
सर्व खाँप पंचायत
जाट जाति की सर्वोच्च पंचायत जिसमें सभी खाँप शामिल होते है ।
खाँप पंचायत से सबंधित नवीन घटनाएँ
1जून 2007 में हरियाणा के कैथल जिले के करोला गाँव के एक नव दंपति मनोज तथा बबली की हत्या का निर्णय खाप पंचयत द्वारा किया गया । क्योंकि दोनों जाट जाति एक ही गोत्र बनवाल से सबनधित है । मार्च 2010 में उपरोक्त हत्या के लिए 5 लोगों को मृत्यु दिया गया । खाप पंचायत का ऐसा निर्णय और सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों के प्रतिष्ठा हत्या से सबंधित जिला मजिस्ट्रेट तथा अन्य अधिकारी को नीलबिंत करके और विभागीय कार्यवाही का निर्माण किया गया ।
पर इसे रोकने के कई प्रयास किए गए
खाप पंचायत की अन्य गतिविधि
पश्चिमी संस्कृति के अंधानुकरण करने वालों का मुजफ्फर नगर के एक खाँप पंचायत का निर्णय 18 वर्ष से कम वर्ष का लड़कियां एफ़बी इंटरनेट whatsaap का प्रयोग बंद करें दहेज , कन्या भ्रूण हत्या भूमि अधिग्रहण आदि का विरोध ।
- 20 जनवरी 2015 जिंद जे सर्वखाप द्वारा कन्या भ्रूण हत्या के विरोध में फरमान ।
- स्त्री शिक्षा, जनसंख्या नियंत्रण , जाति आधारित आरक्षण का समर्थन jan 2015 up के एक खाँप पंचयत द्वारा जनसंख्या नियंत्रण के लिए दो बच्चों का फरमान
- केजरीवाल , मनोहर लाल ख्ट्टर, हुड्डा , सोनिया गांधी आदि के द्वारा खाप पंचयात का निर्णय।
प्रतिष्ठा का अर्थ
वह हत्या जो परंपरा , प्रथा , जातीय नियम आदि के उलघन करने वालों को परंपरा के सरंक्षण के नाम पर की जाति है यह प्रथिष्टा हत्या है ।
खाप पंचायत द्वारा दिये गए प्रथिस्ठा हत्या के पक्ष में तर्क
- हमारी परंपरा की रक्षा करना है तथा पहचान संकट का समाधान
- विवाह संबंधी निषेध रक्त मिश्रण से उत्पन्न होने वाली विकृतियों से रक्षा
- सामुदायिक एकता में सहायक
- सामाजिक प्रशासन में सहायक
- भारतीय सविधान में आदर्श विविधता में एकता के अनुरूप
खाप पंचायत के द्वारा दिये गए प्रथिस्ठा हत्या के विपक्ष में तर्क ।
- सविधानिक मूल्यों के विपिरीत और गैरकानूनी
- स्वांतंत्रता समानता एवं सामाजिक न्याय के मूल्यों के विपरीत
- आधुनिक समाज के निर्माण में बाधक
- परंपरा के आधार पर कट्टर वाद को बढ़ावा
- आधुनिक समाज के निर्माण में बाधक
समीक्षा
हाल के वर्षों में खाप पंचायत के गतिविधियों में प्रतिष्ठा हत्या जैसी मामलों में इसे चर्चा का विषय बना दिया क्योंकि यह गैर कानूनी आलोकतांत्रिक और अमानवीय है इसलिए इसमें सलग्न लोगों को कठोर दंड देना चाहिए, पीड़ितों को सरक्षण देना चाहिए । और इस तरह के नियम को रोकना चाहिए ।
निष्कर्ष
इस संबंध में निष्कर्ष है की इस प्रकार के पंचायत को पूर्ण रूप से समाप्त करना न तो तर्क संगत है और न वयवहारिक रूप से तर्क संगत है इसलिए इसके गलत कार्यों पर रोक लगाना चाहिए जैसे – कन्या भूर्ण हत्या, दहेज का निषेध , स्त्री शिक्षा के पक्ष में जागरूकता का मंच बनाकर इसके लाभों को प्राप्त किया जा सकता है ।
-
हिंदी2 years ago
मोर मुकुट मकराकृत कुंडल का अर्थ | बसो मेरे नैनन में नंदलाल पद की व्याख्या
-
विज्ञान क्लास 102 years ago
बायोमास ऊर्जा किसे कहते है
-
हिंदी2 years ago
नाटक और कहानी में अंतर उदाहरण सहित | Natak aur kahani me antar
-
विज्ञान क्लास 102 years ago
स्वपोषण तथा विषम पोषण में अंतर, swposhan aur poshan mein antar
-
Uncategorized2 years ago
lal kaner ka phool, लाल कनेर का फूल
-
विज्ञान क्लास 102 years ago
खनिज पदार्थ किसे कहते है,वितरण एवं उनका संरक्षण
-
संस्कृत2 years ago
बालक शब्द रूप | Balak Shabd Roop In Sanskrit
-
हिंदी2 years ago
कबीर दास का भाव पक्ष कला पक्ष, साहित्य में स्थान